नव वर्ष की है कल्पना, परिकल्पना, अभिकल्पना
यह वर्ष हो विकसित बड़ा
सत्कर्म हो विकसित खड़ा
नित प्रेम हो नित काज हो
बातें सुगम और साध्य हो
हो धर्म का उत्थान भी
अन्वेषणों का ज्ञान भी
चैतन्य हो भरपूर हम , तटस्थता का ध्यान हो
बाधा लडे पथ पर बढ़ें मंज़िल का न अभीमान हो
यह शीश गगन प्रतीक है
किन्तु धरा का मान हो.....
किन्तु धरा का मान हो। …
©Radhika Bhandari
Woww...
जवाब देंहटाएंVery motivating....
Your hindi is superb.
V v gud selection of words.
'हो धर्म का उत्थान भी
अन्वेषणों का ज्ञान भी'....beautifully crafted.
Congratulations Radhika...keep on writing... All d best :) !!!!