ख्वाब
मै अधूरा सा इक ख्वाब हूँ
जिसे जिन्दगी की तलाश है
जिसे रूप है मिला मगर
किन्ही खुश्बुओं की तलाश है ……
कभी आँख में बंधकर रहा
कभी मन से यूँ ही उतर गया
कभी इस घड़ी कभी उस घड़ी
मेरा कारवाँ सूना गुजर गया ……
कभी आएगा जो वक़्त मेरा
मै इक हकीकत बन जाऊँगा
गूँजता रहे जो जेहन में सबके
मै ऐसी धड़कन बन जाऊँगा ……
मै अधूरा सा इक ख्वाब हूँ
जिसे जिन्दगी की तलाश है
जिसे रूप है मिला मगर
किन्ही खुश्बुओं की तलाश है ……
कभी आँख में बंधकर रहा
कभी मन से यूँ ही उतर गया
कभी इस घड़ी कभी उस घड़ी
मेरा कारवाँ सूना गुजर गया ……
कभी आएगा जो वक़्त मेरा
मै इक हकीकत बन जाऊँगा
गूँजता रहे जो जेहन में सबके
मै ऐसी धड़कन बन जाऊँगा ……
©Radhika Bhandari
Very expressive.
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