सोमवार, 20 अप्रैल 2020

तुम आना

ह्रदय में बसाये अमित प्यार
नव स्वप्नों का संसार संजोये
बस कर प्राणो में अनायास
मुझ में कलियों सी मुस्काना

अद्भुत रोमांच लिए तन में
निज खुशियों के उस क्रंदन में
हँस देना किंचित देख मुझे
नैनो से आंसू बरसाना

हिय की अभिलाषा मुखर कर
नैनों का जाल फैला जाना
मेरे मन  व्याकुल व्योम में
तुम धवल चांदनी बरसाना

दुःख में सुख की ले नवल किरण
सुख में भी दुःख का महाभरण
हर इक रुदन में हास लिए
तुम मेरे जीवन में आना

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