बुधवार, 8 जनवरी 2014

प्रेरणा

प्रेरणा 

नित्य नवीन आशाओं का सूरज …   जगमग जगमग करता है
प्रथम किरण का कण कण हमको …   प्रेरित करता चलता है
पवन है कहती उठो …   बहो.…    अब.… निर्मल मन से ध्यान रहे
मन गंगा सा पावन हो …  और ध्येय का तुमको ज्ञान रहे
भौतिक सुख को लक्ष्य बनाकर …पग पग आगे बढ़ता है…
आध्यात्मिक उत्थान के लिए…  क्या तू चिंता करता है ???
जीवन है अनमोल बड़ा यह.… समय व्यर्थ क्यूँ करता है। …
ध्यान रहे सम्मान यहाँ …  उगते सूरज को मिलता है।!!!!

ख़ुशी 

इक बूँद … कितनी आशाओं का इंद्रधनुष बना देती है …
हर मन के सात रंगों को जगा देती है.…
आओ हम सब इनमे सराबोर हो जाएँ …
क्यूंकि खुशियां ही खुशियों को पनपने का मौका देती हैं …

©Radhika Bhandari



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