होली
बसंती रंग छाये चहुँ ओर
जैसे वसुधा पर आई हो अभी भोर
तन मन सबके हो रहे भाव विभोर
कान्हा की अठखेलियों का है ज़ोर
टेसू पलाश के फूलो से परिपूर्ण वसुंधरा
सारा संसार हो गया है हरा भरा
ईश्वर का छाया है वरदान
राधिका के मन में बसे हैं कन्हैया भगवान
ब्रज की गलियों में उड़ते हैं अबीर गुलाल
नटखट गोप गोपिकाओं का है सारा धमाल
खेल रहे हैं नौजवान और सारे बाल गोपाल
ऐसी उमंग ऐसा उल्लास ना देखा पूरे साल
ये टोली और वो टोली
भरी रंगों से पिचकारी है
तुमने हमको रंग लिया
अब तो हमारी बारी है.………… होली है। .......
बसंती रंग छाये चहुँ ओर
जैसे वसुधा पर आई हो अभी भोर
तन मन सबके हो रहे भाव विभोर
कान्हा की अठखेलियों का है ज़ोर
टेसू पलाश के फूलो से परिपूर्ण वसुंधरा
सारा संसार हो गया है हरा भरा
ईश्वर का छाया है वरदान
राधिका के मन में बसे हैं कन्हैया भगवान
ब्रज की गलियों में उड़ते हैं अबीर गुलाल
नटखट गोप गोपिकाओं का है सारा धमाल
खेल रहे हैं नौजवान और सारे बाल गोपाल
ऐसी उमंग ऐसा उल्लास ना देखा पूरे साल
ये टोली और वो टोली
भरी रंगों से पिचकारी है
तुमने हमको रंग लिया
अब तो हमारी बारी है.………… होली है। .......
©Radhika Bhandari
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