क्या आज भी तुम्हारे दिल में
मेरा नाम धड़कता है ?
क्यों सुनाई देती है आवाज़ तुम्हारी मुझको
क्यों तेरे नाम से मेरा तन मन बहकता है ?
मेरी आँखों में ढली शाम की सुरमाई
क्या आज भी बिजली बन तुम पर बरसती है ?
या मेरी हंसी की छनछनाहट
तुम्हारे कानो में अब भी बजती है ?
मेरी यादों के तकिये पे अपना सिर रख तुम जो सोते थे
क्या उस सुकूं में आँख आज भी नम होती है
वो हाथ पकड़ मेरा जो दिल के तार जोड़ते थे
क्या एक होने की कसक आज भी जाग उठती है ???????
मेरा नाम धड़कता है ?
क्यों सुनाई देती है आवाज़ तुम्हारी मुझको
क्यों तेरे नाम से मेरा तन मन बहकता है ?
मेरी आँखों में ढली शाम की सुरमाई
क्या आज भी बिजली बन तुम पर बरसती है ?
या मेरी हंसी की छनछनाहट
तुम्हारे कानो में अब भी बजती है ?
मेरी यादों के तकिये पे अपना सिर रख तुम जो सोते थे
क्या उस सुकूं में आँख आज भी नम होती है
वो हाथ पकड़ मेरा जो दिल के तार जोड़ते थे
क्या एक होने की कसक आज भी जाग उठती है ???????
soooo sweeeetttt...
जवाब देंहटाएंBut... is this a reminder .. or complaint... or mere curosity....
whatever... soooo Beautifull frm each angle.
Its abhivyakti
जवाब देंहटाएंSuperbbbbbb
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