आज़ादी के जश्न को सबने मनाया
पर अगले दिवस क्या ये किसी को याद आया ?
कि सड़क पर घूमता बच्चा वो नंगा
क्या ठिठुर कर रात में था सो भी पाया ?
कि किनारे धो रही जो मैली धोती
सुबह उसने था क्या कोई कौर खाया ?
कि सड़क पर धूप में जलता वो मानुष
जीवन तपन कि अग्नि से है बच भी पाया ?
कि अगर आज़ाद हैं हम , तो भी क्या है
कि
अगर आज़ाद हैं हम ,
तो भी क्या है
क्या अमर बलिदान तुमको समझ आया ???????
पर अगले दिवस क्या ये किसी को याद आया ?
कि सड़क पर घूमता बच्चा वो नंगा
क्या ठिठुर कर रात में था सो भी पाया ?
कि किनारे धो रही जो मैली धोती
सुबह उसने था क्या कोई कौर खाया ?
कि सड़क पर धूप में जलता वो मानुष
जीवन तपन कि अग्नि से है बच भी पाया ?
कि अगर आज़ाद हैं हम , तो भी क्या है
कि
अगर आज़ाद हैं हम ,
तो भी क्या है
क्या अमर बलिदान तुमको समझ आया ???????
कि अगर आज़ाद हैं हम , तो भी क्या है
जवाब देंहटाएंकि
अगर आज़ाद हैं हम ,
तो भी क्या है
क्या अमर बलिदान तुमको समझ आया ???????-------------------------बहुत ही अहम् सवाल