शुक्रवार, 21 अगस्त 2015

आज़ादी ka जश्न

आज़ादी के जश्न को सबने मनाया
पर अगले दिवस क्या ये किसी को याद आया ?
कि सड़क पर  घूमता बच्चा वो नंगा
क्या ठिठुर कर रात में था सो भी पाया  ?
कि किनारे धो रही जो मैली धोती
सुबह उसने था क्या कोई कौर खाया  ?
कि सड़क पर धूप में जलता वो मानुष
जीवन तपन कि अग्नि से है बच भी पाया ?
कि अगर आज़ाद हैं हम , तो भी क्या है
कि
अगर आज़ाद हैं हम ,
                तो भी क्या है
क्या अमर बलिदान तुमको समझ आया ???????

1 टिप्पणी:

  1. कि अगर आज़ाद हैं हम , तो भी क्या है
    कि
    अगर आज़ाद हैं हम ,
    तो भी क्या है
    क्या अमर बलिदान तुमको समझ आया ???????-------------------------बहुत ही अहम् सवाल

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