रविवार, 13 अप्रैल 2014

याद

याद 

वो स्थिरता जो पाई थी मैंने
एक अर्से के बाद 
उसी धैर्य को खंडित कर 
अपनी स्मृति को जगा गया 
वो तेरी याद का झोंका 
मेरे मन को हिला गया 
वो बात जो एक याद बन चुकी थी 
वो प्यास जो एक आस बन चुकी थी 
उस ह्रदय की बुझी अग्नि को 
छूकर चला गया 
वो तेरी याद का झोंका 
मेरे ह्रदय को जला गया 
तेरी याद ले , आ गया 
मेरे मन को ले ,  चला गया ....... 

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