रविवार, 9 जनवरी 2022

कान्हा तो हैं मोहने

 कान्हा तो है मोहने


कान्हा तो है मोहने

 नटखट से गिरधारी 

मुरली वाले की तानों पर 

दुनिया है बलिहारी 

मेरे गिरधर की बंसी पर 

मैं तो हूं दिल हारी 

राधा, रुकमणी, मीरा भी 

कान्हा पर वारी वारी 

 चक्र चलाएं रास रचाए 

मोहन इच्छाधारी 

हाथ जोड़कर नमन करें 

उनको सारे नर नारी

मीरा जी के विश्व की प्याली 

अमृत है कर डारी 

चीर हरण की शक्ति से भी

 तेरी महिमा भारी 

माखन खायो मिसरी खायो 

ऊंची रहे अटारी 

मैया ने जब डांट लगायो 

भर गई अखियां कारी 

ऐसे मेरे मोहन हैं, है चंचल मदन मुरारी

ज्ञान दिया जीवन का तुमने 

सब को बारी-बारी 

ह्रिदय्-स्थल पर तुम्ही विराजे 

दुनिया वारी वारी

शेषनाग को नाच नचायो 

जैसों कोई मदारी 

मुख में है ब्रह्मांड दिखायो

 जसोदा बलिहारी

 है विनती कर जोड़ तुम्हीं से 

कान्हा किशन मुरारी 

पार लगा देना भवसागर 

जब आए मेरी बारी 

छप्पन भोग है तुम्हें खिलाते 

हंस हंस के नर नारी 

आओ पधारो हमारे अंगना 

गोविंद गिरधारी

राधिका भंडारी©

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